डीएमआऱसी में प्रतिदिन हजारों लोग एलिवेटर (लिफ्ट) का प्रयोग करते हैं। विद्युत आपूर्ति में खराबी आने की स्थिति में इन एलिवेटरों में स्वचालित बचाव प्रचालन सुसज्जित है एवं आई एस 14665 एवं ई एन: 81 के अनुसार सभी आवश्यकताएं पूरी करते हैं। डीएमआऱसी लिफ्ट में विश्वसनीयता, उपलब्धता एवं रख-रखाव में सतत सुधार सुनिश्चित करती है। इन एलिवेटरों के परिचालन 17 घंटे से 20 घंटे तक बढा दिए गए हैं।
डीएमआऱसी में एलिवेटरों की मुख्य विशेषताएं:
- वीवीवीएफ नियंत्रण के साथ एसी सिनक्रोनस गियरग्लास मशीन (पीएमएसएम) के इलेक्ट्रिक कर्षण ड्राइव के प्रयोग करता है।
- एलसीई नियंत्रण एवं ऊपरि तल से यूजर इंटरफेस
- 2:1 रस्सी के झूलते हुए ढलान की व्यवस्था के साथ
- टी-टाइप गाइड रेल कार और काउंटर वेट को क्षैतिज रूप में गाइड करती है
- आपातकाल स्थिति में बैटरी ड्राइव लिफ्ट को फर्श के स्तर तक पहुँचाती है।
- लाइट लोडेड डाइरेक्शन एवं ब्रेकिंग यात्रा के दौरान ऊर्जा को पुनःसृजित करता है।
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए परिकल्पित है।
- दरवाजा संरक्षा एवं सेंसर से दरवाजे सुसज्जित हैं औऱ 2 घंटे पावर रेटिंग के लिए परिकल्पित हैं।
- लिफ्ट की निर्बाध गिरावट के लिए स्प्रिंग बफर का प्रयोग किया गया है।
- रख-रखाव अनुकूल (गियर प्रणाली का प्रयोग नहीं हुआ) है।
- ऊर्जा कुशल है, यूनिट पावर कारक पर पूरी तरह से कार्य करता है।
- कार डोर बाइपास (यात्रा के दौरान दरवाजों में संपर्क संबंधी समस्या के कारण फंसने से बचाव करता है)
- ऑटो-कॉल (फंसने की असत्य कॉल से बचाता है)
प्रशिक्षण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, नए प्रशिक्षुओं के साथ-साथ वर्तमान कर्मचारियों को पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डीएमआरसी अकादमी में पूरी तरह से कार्य करने वाला एलिवेटर स्थापित है।
प्रशिक्षुओं को इसके घटक, कार्यक्षमता, रखरखाव, संचालन और बचाव प्रक्रियाओं के बारे में व्यवहारिक प्रदर्शन के लिए पूर्ण स्केल एलिवेटर प्रय़ोग किया जा रहा है।
एलिवेटर के सभी भागों से आर-पार देखने के लिए कार डोर, लेंडिंग डोर एवं कार बोडी पर ग्लास लगा हुआ है।
प्रशिक्षक द्वारा अनुरक्षण एवं एलिवेटर की खराबी के संबंध में प्रशिक्षण संस्थान में विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाता है। यह न केवल आवागमन का समय बचाता है, बल्कि प्रशिक्षण के कारण स्टेशन पर यात्री को होने वाली असुविधा से भी बचाता है।
सैद्धांतिक व्याख्यान के बाद एलिवेटर पर व्यवहारिक रूप से सिखाया जाता है जो प्रशिक्षुओं को बेहतर समझ प्रदान करता है।